रायपुर, जून 2025 : भारत में एल्युमीनियम उत्पादन में अग्रणी वेदांता एल्युमीनियम की इकाई भारत एल्युमीनियम कंपनी (बाल्को) अब देश की डिजिटल और औद्योगिक क्रांति को गति देने के लिए अपने वायर रॉड उत्पादन क्षमता का विस्तार कर रही है। कंपनी का यह विस्तार, उसके समग्र 1 मिलियन टन प्रति वर्ष (MTPA) उत्पादन क्षमता लक्ष्य का हिस्सा है।
डिजिटल इंडिया, 5G नेटवर्क, स्मार्ट सिटी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में तेज़ी से हो रहे विकास के कारण, देश में उच्च गुणवत्ता वाले एल्युमीनियम वायर रॉड्स की मांग तेज़ी से बढ़ रही है। हल्के वजन, उच्च चालकता और संक्षारण प्रतिरोध जैसे गुणों के कारण एल्युमीनियम आज प्रमुख सामग्री बन गया है।
घरेलू मांग के लिए विशेष उत्पादन
वित्तीय वर्ष 2024–25 में बाल्को ने 2 लाख MTPA से अधिक वायर रॉड्स का उत्पादन किया, जो पूरी तरह घरेलू मांग के लिए था। विशेष रूप से गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे औद्योगिक राज्यों में इनकी मांग अत्यधिक रही। बाल्को के पोर्टफोलियो में कंडक्टर, ऑप्टिकल फाइबर, टावर ग्राउंडिंग जैसे उन्नत अनुप्रयोगों के लिए उच्च प्रदर्शन ग्रेड शामिल हैं।
गुणवत्ता में अग्रणी – बीआईएस प्रमाणन के साथ
बाल्को, भारत की पहली कंपनी है जिसे बीआईएस 5484 प्रमाणन प्राप्त हुआ है, जो अलॉय वायर रॉड्स के लिए जारी किया जाता है। यह प्रमाणन गुणवत्ता और नवाचार के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राष्ट्रीय स्तर पर विस्तारित उत्पादन क्षमता
कंपनी वर्तमान में अपनी उत्पादन क्षमता को 0.57 MTPA से बढ़ाकर 1 MTPA करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। यह रणनीतिक विस्तार उसे देश की बढ़ती औद्योगिक मांग और निरंतर ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने में सक्षम बनाएगा।
सीईओ राजीव कुमार का बयान
वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ राजीव कुमार ने कहा:
“भारत की डिजिटल रीढ़ को मजबूत बनाने में एल्युमीनियम वायर रॉड्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। बाल्को में चल रहे विस्तार और BIS प्रमाणित हाई परफॉर्मेंस उत्पादों के साथ, हम उन्नत सामग्रियों की बढ़ती मांग को टिकाऊ और गुणवत्ता युक्त समाधान के साथ पूरा कर रहे हैं।”
विविध क्षेत्रों में उपयोग
बाल्को के एल्युमीनियम वायर रॉड्स का उपयोग दूरसंचार, विद्युत पारेषण, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल उपकरण और इस्पात उद्योग में होता है। यह विविधता उन्हें भारत के औद्योगिक बदलाव का एक अनिवार्य घटक बनाती है।