छत्तीसगढ़ के चार जिलों में दिनदहाड़े चोरी का पर्दाफाश, सूने मकानों को बनाया गया था निशाना

धमतरी। जिले की पुलिस ने क्षेत्र के चार जिलों महासमुंद, धमतरी, कवर्धा और राजनांदगांव में दिनदहाड़े सूने मकानों में हुई चोरी का सफलतापूर्वक खुलासा किया है। यह खुलासा साइबर सेल तकनीकी टीम और थाना सिटी कोतवाली की संयुक्त कार्रवाई में हुआ है।

26 मई को प्रार्थी श्यामा प्रसाद मुखर्जी, निवासी मैत्री विहार कॉलोनी, धमतरी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उनके सूने मकान का ताला तोड़कर अज्ञात चोरों ने अंदर रखे चांदी के जेवरात, भगवान की मूर्तियां, चांदी के सिक्के समेत करीब 2 लाख रुपये की नगदी चोरी कर ली। घटना की रिपोर्ट के बाद थाना सिटी कोतवाली में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर साइबर सेल तकनीकी टीम और सिटी कोतवाली धमतरी ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए विशेष टीम गठित कर जांच शुरू की। टीम ने घटना स्थल के आस-पास लगे करीब 500 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज का विश्लेषण करने पर तीन संदिग्धों को कॉलोनी में घूमते हुए देखा गया।

सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि ये तीनों आरोपी चोरी करने के लिए धमतरी से रायपुर और दुर्ग तक गए थे। जांच में यह भी पाया गया कि आरोपी इसी तरह की चोरी कबीरधाम, महासमुंद और राजनांदगांव में भी कर चुके हैं।

तीनों आरोपियों की पहचान दुर्ग निवासी शेख फैजल, कार्तिक वाल्मिकी और विशाल के रूप में हुई। शेख फैजल मई माह में चोरी के मामले में जेल में भी बंद रहा है। उसे पकड़कर पूछताछ की गई तो उसने अपने साथियों के साथ चोरी की वारदातों को स्वीकार किया।

पुलिस ने आरोपियों के पास से सोने-चांदी के जेवरात, नगदी 80,000 रुपये, एक मोटरसाइकिल और एक इंडिगो कार जब्त की है, जिनकी कुल कीमत लगभग 6,64,000 रुपये है। इसके साथ ही चोरी की गई सम्पत्ति खरीदने वाले एक सोनार को भी गिरफ्तार किया गया है।

यह कार्रवाई थाना सिटी कोतवाली के निरीक्षक शरद ताम्रकर और साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक सन्नी दुबे के नेतृत्व में हुई। अन्य पुलिसकर्मियों जैसे लक्ष्मीकांत शुक्ला, अनिल यादव, देवेन्द्र राजपूत, लोकेश नेताम समेत कई जवानों ने इस मामले में अहम भूमिका निभाई।

पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर मामले के अन्य पहलुओं को भी उजागर करने में लगी हुई है।

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