नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाल लिया है। वहीं दूसरी ओर आम जनता की रसोई से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है—बाजार में प्याज की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है।
बढ़ती मांग और घटती आपूर्ति बनीं कीमतों में वृद्धि की वजह
प्याज के दामों में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से बकरीद (ईद-अल-अधा) से पहले मांग में अचानक हुए इजाफे और मंडियों में प्याज की आवक में कमी के कारण हो रही है। जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में प्याज के दामों में और तेजी आने की संभावना जताई जा रही है।
दो हफ्तों में 30-50% तक बढ़े दाम
रिपोर्ट के अनुसार, नासिक की लासलगांव मंडी—which देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी मानी जाती है—में सोमवार को प्याज का औसत थोक मूल्य ₹26 प्रति किलोग्राम दर्ज किया गया। यह कीमत 25 मई को ₹17 प्रति किलोग्राम थी। यानी दो हफ्तों के भीतर प्याज के दामों में लगभग 50% तक की बढ़ोतरी हुई है।
उच्च गुणवत्ता वाले प्याज के दाम ₹30 प्रति किलो के पार
महाराष्ट्र के कई प्रमुख थोक बाजारों में उच्च गुणवत्ता वाले प्याज की कीमतें ₹30 प्रति किलो से ऊपर जा चुकी हैं। हालांकि यह प्याज व्यापारिक मात्रा का केवल एक छोटा हिस्सा है, लेकिन इसकी बढ़ी हुई कीमतें पूरे प्याज बाजार को प्रभावित कर रही हैं।
स्टॉक से पूरी हो रही है मौजूदा आपूर्ति
मौजूदा समय में बाजार में उपलब्ध प्याज जून से आने वाले नए उत्पादन का नहीं, बल्कि किसानों और व्यापारियों द्वारा संचित स्टॉक से प्राप्त हो रहा है। इससे आपूर्ति पर दबाव बना हुआ है, और मांग के मुकाबले कम आपूर्ति होने के कारण कीमतों में यह बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
आम जनता की थाली पर असर तय
त्योहारी सीजन और बकरीद जैसे बड़े पर्व के मद्देनजर प्याज की मांग में और भी इजाफा होने की संभावना है। ऐसे में प्याज की बढ़ती कीमतें आम उपभोक्ताओं की थाली पर असर डाल सकती हैं।