बालोद। छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में पड़ोसी जिले दुर्ग में स्वाइन फ्लू के लगातार मरीज मिलने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतने के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है। विभाग ने कहा है कि मौसमी बीमारियों के बढ़ते प्रकोप के बीच स्वाइन फ्लू का खतरा भी बना हुआ है, इसलिए सभी लोगों को सावधानी और बचाव के उपाय अपनाना बेहद जरूरी है।
स्वास्थ्य विभाग ने बालोद के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं ताकि स्वाइन फ्लू के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। बालोद जिले में भी स्वाइन फ्लू के संक्रमण की रोकथाम, उपचार और बचाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
स्वाइन फ्लू क्या है और कैसे फैलता है
स्वाइन फ्लू एक संक्रामक रोग है जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। यह संक्रमण लक्षण प्रकट होने के बाद लगभग 3 से 5 दिन तक दूसरों में फैल सकता है। मुख्यतः यह छींकने, खांसने या संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से फैलता है।
स्वाइन फ्लू के सामान्य लक्षण
- तेज बुखार
- गले में खराश
- खांसी और सर्दी
- सिरदर्द और थकान
- कभी-कभी दस्त और उल्टी
कौन हैं अधिक जोखिम में
स्वाइन फ्लू के संक्रमण से गर्भवती महिलाएं, पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे, 65 वर्ष से ऊपर के बुजुर्ग और जिनका स्वास्थ्य पहले से कमजोर है, वे विशेष रूप से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे लोगों में संक्रमण गंभीर रूप धारण कर सकता है।
स्वाइन फ्लू से बचाव के महत्वपूर्ण उपाय
- खांसते या छींकते समय मुँह और नाक को रूमाल या टिशू से ढकें।
- नियमित रूप से हाथों को साबुन और पानी से धोएं या एल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- आंख, नाक और मुँह को छूने से बचें।
- बीमार लगने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
- सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें और भीड़-भाड़ से बचें।
स्वास्थ्य विभाग की अपील
जिला स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वे स्वाइन फ्लू से बचाव के निर्देशों का पालन करें और किसी भी संदिग्ध लक्षण के तुरंत बाद डॉक्टर से सलाह लें। समय पर इलाज और सावधानी से इस संक्रमण को नियंत्रित किया जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग बालोद जिले में सभी स्वास्थ्य केंद्रों, अस्पतालों और क्लीनिकों को पूरी तरह तैयार रहने के निर्देश भी दे चुका है ताकि किसी भी स्थिति में शीघ्र और प्रभावी उपचार संभव हो सके।