गरियाबंद। सावन का महीना भगवान शिव का प्रिय माना जाता है और इस माह में शिव की आराधना और भक्ति का विशेष महत्व होता है। इसी कड़ी में आज, 2 अगस्त को सावन शिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जा रहा है। इस बार सावन शिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ गया है क्योंकि ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार आज का दिन ‘सर्वार्थ सिद्धि योग’ के साथ जुड़ा है, जो कि बेहद दुर्लभ और शुभ माना जाता है। इस योग में की गई पूजा-अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।
सावन शिवरात्रि के दिन भक्तजन शिवालयों में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और भजन-कीर्तन का आयोजन करते हैं। गरियाबंद सहित आस-पास के क्षेत्रों में शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। सभी लोग भगवान शिव की कृपा पाने के लिए आस्था और भक्ति के साथ प्रार्थना कर रहे हैं।
गरियाबंद जिले के ग्राम मरौदा में स्थित विश्व के विशालतम प्राकृतिक स्वयंभू शिवलिंग, भगवान भूतेश्वरनाथ महादेव की विशेष पहचान है। यह शिवलिंग प्रकृति की अद्भुत देन है और इसका आकार हर वर्ष बढ़ता जा रहा है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक चमत्कारिक अनुभव माना जाता है। इसी कारण यहाँ भक्तों की आस्था और विश्वास दिन-ब-दिन मजबूत होता जा रहा है।
सावन शिवरात्रि पर शिवभक्त रात्रि जागरण करते हुए भोलेनाथ की पूजा में लीन रहते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किया गया जलाभिषेक और उपवास सभी प्रकार के पापों का नाश करता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
इस पावन अवसर पर जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधकों ने भी विशेष व्यवस्थाएं की हैं ताकि श्रद्धालुओं को सुविधा और सुरक्षा मिल सके।
सावन शिवरात्रि का यह पर्व न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह लोगों के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार भी करता है। इसलिए आज हर दिल में भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति की लहर साफ महसूस की जा सकती है।