रायपुर/सरायपाली। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) और रूम टू रीड ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में राजधानी रायपुर के न्यू सर्किट हाउस में आयोजित राज्य स्तरीय पठन महोत्सव में महासमुंद जिले की प्रतिभाओं ने अपनी चमक बिखेरी। इस आयोजन में सरायपाली विकासखंड की पोड़ापाली की छात्रा पूर्णिमा मिरी ने शानदार प्रदर्शन कर पुरस्कार प्राप्त किया।
शासकीय प्राथमिक शाला पोड़ापाली की कक्षा दूसरी की छात्रा कु. पूर्णिमा मिरी, पिता गोपाल मिरी, ने मंच पर न केवल आत्मविश्वास के साथ अपनी पठन कला का प्रदर्शन किया, बल्कि उपस्थित शिक्षाविदों और अतिथियों का दिल भी जीत लिया। पूर्णिमा महासमुंद जिले की एकमात्र छात्रा थीं, जिनका चयन राज्य स्तर पर हुआ।
वनांचल की बेटी की उपलब्धि से गांव में हर्ष की लहर
वनांचल क्षेत्र के पोड़ापाली ग्राम की बेटी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से गांव में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। ग्राम पंचायत दर्राभांठा की सरपंच श्रीमती फुलबाई मिरी ने पूर्णिमा का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें नगद पुरस्कार प्रदान किया। शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मोहन मिरी, पालकों एवं ग्रामवासियों ने भी छात्रा के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
विद्यालय के शैक्षणिक उत्थान पर गौंटिया श्री राम पटेल ने हर्ष जताते हुए शिक्षक समुदाय की सराहना की। यह उपलब्धि संस्था प्रमुख श्री प्रताप नारायण दास के कुशल नेतृत्व और समर्पण का प्रत्यक्ष परिणाम है।
सरायपाली के शिक्षक भी हुए सम्मानित
इस पठन महोत्सव में सरायपाली विकासखंड से चयनित शिक्षकों को भी विशेष सम्मान प्रदान किया गया।
सम्मानित शिक्षक इस प्रकार हैं:
- दुर्वादल दीप – प्रधान पाठक, सिरशोभा (अनुवादक और लेखक के रूप में चयन)
- प्रताप नारायण दास – प्रधान पाठक, पोड़ापाली
- योगेश कुमार साहू – सहायक शिक्षक, कसडोल
- रमेश तांडी – सहायक शिक्षक, छुईपाली
- सुंदरलाल डडसेना – सहायक शिक्षक, केंदुढा़र
इन सभी शिक्षकों को राज्य स्तरीय मंच से प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया, जो कि विकासखंड के लिए गौरव की बात है।
प्रेरणा बनी पोड़ापाली की पहल
इस पूरी सफलता के पीछे विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री प्रकाश चंद्र मांझी, संकुल प्राचार्य रूपानंद पटेल, संकुल समन्वयक खिरोद्र सोनी, तथा विकासखंड स्रोत समन्वयक श्री सतीश स्वरूप पटेल का मार्गदर्शन भी उल्लेखनीय रहा।
इस आयोजन ने न केवल विद्यार्थियों को मंच दिया, बल्कि शिक्षकों के नवाचार और समर्पण को भी राज्य स्तर पर पहचान दिलाई। यह सफलता जिले के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण है।