महासमुंद | 26 जुलाई 2024
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के चार वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में चल रहे शिक्षा सप्ताह के अंतर्गत पंचम दिवस (22 जुलाई) को “कौशल विकास” थीम पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महासमुंद ज़िले के सरायपाली विकासखंड के विभिन्न शालाओं में विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ते हुए उन्हें हथकरघा, सिलाई, अगरबत्ती निर्माण, पैरदान निर्माण जैसे कौशलों का प्रशिक्षण दिया गया।
हथकरघा से बना सूती वस्त्र: कसडोल की परंपरा को मिला विद्यालय से सहयोग
शासकीय प्राथमिक शाला कसडोल में आयोजित विशेष सत्र में छात्रों को हथकरघा से सूती वस्त्र निर्माण की विधि सिखाई गई। कसडोल क्षेत्र पारंपरिक रूप से संबलपुरी साड़ियों के निर्माण के लिए प्रसिद्ध है, जो आज भी देश-विदेश में 3,500 से लेकर 10,000 रुपये तक की कीमत पर बिकती हैं। कक्षा पांचवीं व छठवीं के छात्र-छात्राएं इस पारंपरिक हस्तकला को सीखते हुए स्थानीय विरासत को संरक्षित करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
पूर्व व्यावसायिक शिक्षा के नोडल शिक्षक योगेश कुमार साहू ने बताया कि विद्यार्थियों को न केवल व्यवसायिक ज्ञान दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है।
कसलबा स्कूल में झाड़ू, अगरबत्ती व दोना-पत्तल निर्माण का अभ्यास
शासकीय उच्च प्राथमिक शाला कसलबा में विद्यार्थियों को झाड़ू बनाना, अगरबत्ती, धूपबत्ती और दोना-पत्तल निर्माण जैसे व्यावसायिक कार्यों में प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के 51 छात्र-छात्राएं, शिक्षकगण एवं सहायक कर्मचारी भी शामिल हुए।
मुख्य योगदानकर्ता:
- प्रधानपाठक विमल प्रधान
- शिक्षकों में प्रेमलाल चौहान, बनिता ठाकुर, सरोज प्रधान, प्रेमशीला प्रधान, सुषमा भोई
- प्राथमिक शाला प्रधान पाठक देवकी चौधरी
- रसोइया खिरोदिनी थापा, सफाई कर्मचारी तरुण बेहरा
कनकेवा में पैरदान और सिलाई का प्रशिक्षण
शासकीय उच्च प्राथमिक शाला कनकेवा में पैरदान निर्माण व सिलाई कार्य का आयोजन किया गया। स्त्रोत केंद्र समन्वयक किशोर कुमार पटेल के मार्गदर्शन और प्रशिक्षक जय कुमारी पटेल व सुषमा पटेल के सहयोग से कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसमें कुल 37 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।