नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश के पांच आईआईटी संस्थानों के शैक्षणिक और आधारभूत संरचना विस्तार को मंजूरी दी गई है, जिनमें छत्तीसगढ़ का आईआईटी भिलाई भी शामिल है। इस ऐतिहासिक फैसले से न केवल आईआईटी भिलाई के परिसरों का विकास होगा, बल्कि देशभर में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नई ऊँचाइयों को छूने का रास्ता खुलेगा।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जताया प्रधानमंत्री मोदी का आभार
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस फैसले पर प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आईआईटी भिलाई के विस्तार से राज्य के युवाओं को बेहतर तकनीकी शिक्षा का अवसर मिलेगा और शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में नई संभावनाएं जागृत होंगी।
विस्तार के प्रमुख बिंदु:
- केंद्रीय कैबिनेट ने पांच IIT संस्थानों में शैक्षणिक एवं अवसंरचना क्षमता विस्तार की मंजूरी दी है।
- इनमें आईआईटी भिलाई, तिरुपति (आंध्र प्रदेश), जम्मू (जम्मू-कश्मीर), धारवाड़ (कर्नाटक), और पालक्कड़ (केरल) शामिल हैं।
- चार वर्षों में देशभर में कुल सीटों की संख्या बढ़कर 13,687 हो जाएगी, जो अभी 7,111 है। यानी 6,576 नई सीटें जुड़ेंगी।
- आईआईटी भिलाई में भी सीटें बढ़ाई जाएंगी, जिससे और अधिक छात्रों को पढ़ाई का मौका मिलेगा।
- सरकार ने इस विस्तार के लिए 11,828.79 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जो वित्त वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक खर्च किया जाएगा।
- नई इमारतों, अत्याधुनिक सुविधाओं और पांच नए रिसर्च पार्कों का निर्माण किया जाएगा।
- लगभग 130 नए प्रोफेसर पद सृजित होंगे, जिससे शिक्षा और शोध के स्तर में सुधार होगा।
IIT भिलाई विस्तार से होंगे अनेक फायदे
आईआईटी भिलाई का विस्तार न केवल छात्रों के लिए शिक्षा और अनुसंधान के नए द्वार खोलेगा, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा। शिक्षकों, कर्मचारियों और शोधकर्ताओं की नियुक्ति से जुड़े रोजगार, आवास, परिवहन और अन्य सेवाओं की मांग बढ़ेगी। स्थायी परिसर में और सुधार से यह संस्थान तकनीकी शिक्षा का प्रमुख केंद्र बनेगा।
भविष्य की दिशा में बड़ा कदम
आईआईटी भिलाई सहित देश के अन्य चार आईआईटी संस्थानों का यह विस्तार भारत के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का प्रयास है। इससे नवाचार, उद्योग-शैक्षणिक सहयोग, और उन्नत शोध परियोजनाओं को बल मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह पहल देश के युवा तकनीकी प्रतिभाओं को बेहतर अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।