नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस 2025 की तैयारियों के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 जनवरी को एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस स्वयंसेवकों, राष्ट्रीय रंगशाला शिविर के कलाकारों, झांकी प्रतिभागियों और आदिवासी मेहमानों से मुलाकात की। यह विशेष आयोजन प्रधानमंत्री निवास लोक कल्याण मार्ग पर संपन्न हुआ, जहां पीएम मोदी ने युवाओं और सांस्कृतिक प्रतिनिधियों से सीधे संवाद किया और उन्हें प्रोत्साहित किया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उनके साथ उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री ने सभी प्रतिभागियों की भूमिका और योगदान की सराहना करते हुए उन्हें गणतंत्र दिवस समारोह का अहम हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि ये युवा और सांस्कृतिक प्रतिनिधि भारत की विविधता, ऊर्जा और समर्पण का जीवंत उदाहरण हैं।
गणतंत्र दिवस परेड की भव्य तैयारियाँ
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड की शुरुआत राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ होगी। इसके पश्चात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कर्तव्य पथ पर एक विशेष शाही बग्गी में पहुंचकर परेड की सलामी लेंगी।
परेड में भारतीय सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, एनसीसी, एनएसएस तथा विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों की झांकियों की भागीदारी रहेगी। इस बार परेड की शुरुआत एक भव्य सांस्कृतिक प्रदर्शन से होगी जिसमें देशभर से आए 300 पारंपरिक वाद्ययंत्र कलाकार अपनी प्रस्तुतियाँ देंगे।
इंडोनेशियाई दल और विशेष आकर्षण
इस वर्ष गणतंत्र दिवस का विशेष आकर्षण होगा इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की मौजूदगी, जो बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इसके अलावा, एक 352 सदस्यीय इंडोनेशियाई सैन्य दल परेड में हिस्सा लेगा, जो भारत-इंडोनेशिया के मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का प्रतीक होगा।
इस बार परेड में 5,000 से अधिक सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा 45 से अधिक भारतीय नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया जाएगा। खास बात यह है कि कलाकार कर्तव्य पथ के पूरे मार्ग पर प्रस्तुति देंगे, जिससे सभी मेहमानों को समान सांस्कृतिक अनुभव प्राप्त होगा।
त्रि-सेवा झांकी का पहली बार प्रदर्शन
इस वर्ष की परेड में पहली बार त्रि-सेवा झांकी (Army, Navy, Air Force) को प्रदर्शित किया जाएगा, जो भारतीय सशस्त्र बलों की एकता, समन्वय और ताकत को दर्शाएगी।