रायपुर/बलौदाबाजार, मई 2025 – बलौदाबाजार में मई 2024 में हुए हिंसा प्रकरण के मामले में राज्य सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए तत्कालीन कलेक्टर कुमार लाल चौहान और पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि इन दोनों अधिकारियों ने घटनाक्रम को लेकर की गई शिकायतों पर समुचित और समय पर कार्रवाई नहीं की, जिससे हालात बिगड़े।
राज्य शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार को पुलिस मुख्यालय रायपुर अटैच किया गया है, जबकि कलेक्टर कुमार लाल चौहान को मंत्रालय (मंत्रालयीन कार्यभार) में उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस कार्रवाई को प्रशासनिक लापरवाही के दृष्टांत के रूप में देखा जा रहा है।
क्या था मामला?
मई 2024 में बलौदाबाजार जिले में सतनामी समाज के धार्मिक स्थल को क्षति पहुँचाए जाने को लेकर भारी विरोध और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इस मामले में समाज के लोगों ने प्रशासन के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन शिकायत के अनुसार, प्रशासन ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे स्थिति ने हिंसक रूप ले लिया।
प्रशासनिक चूक के कारण इलाके में साम्प्रदायिक सौहार्द और कानून व्यवस्था प्रभावित हुई। घटना के बाद राज्य शासन ने तत्कालीन कलेक्टर और एसपी का तबादला कर दिया था। मामले की उच्चस्तरीय जांच के बाद अब यह निलंबन की कार्रवाई की गई है।
सरकार का संदेश: लापरवाही बर्दाश्त नहीं
राज्य सरकार द्वारा यह सख्त कदम यह दर्शाता है कि कानून-व्यवस्था और सामाजिक समरसता बनाए रखने में कोताही बरतने वाले अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासनिक जवाबदेही को और सख्त करने पर विचार कर रही है।
समाज की प्रतिक्रिया
सतनामी समाज के प्रतिनिधियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि दोषियों को सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी। वहीं, जिले में सामान्य स्थिति बहाल करने और समाज में विश्वास कायम रखने की दिशा में प्रयास जारी हैं।