बाबरी मस्जिद का नाम 12वीं की पाठ्यपुस्तक से हटाने पर NCERT निदेशक ने दी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली: 2024-25 के शैक्षणिक सत्र के लिए NCERT की 12वीं कक्षा की राजनीतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इस बार खासतौर पर बाबरी मस्जिद और अयोध्या विवाद से संबंधित जानकारी को संशोधित कर किताब से हटा दिया गया है। अब पाठ्यपुस्तक में ‘बाबरी मस्जिद’ का उल्लेख नहीं रहेगा और इसे केवल “तीन-गुंबद संरचना” के रूप में संदर्भित किया जाएगा। साथ ही, ‘अयोध्या विवाद’ को ‘अयोध्या मुद्दा’ के नाम से पढ़ाया जाएगा और अध्याय की लंबाई चार पन्नों से घटाकर दो पन्ने कर दी गई है।

‘भगवान राम’ से ‘श्री राम’ तक — बदलावों का सिलसिला जारी

पहली बार इस किताब में ‘भगवान राम’ के बजाय ‘श्री राम’ शब्द का उपयोग किया गया है। किताब में पहले लिखा था कि अयोध्या को भगवान राम का जन्मस्थान माना जाता है, जबकि नई पुस्तक में इसे “श्री राम के जन्म स्थान, सबसे पवित्र धार्मिक स्थलों में से एक और इसके कानूनी स्वामित्व के विवाद” के रूप में बताया गया है। यह बदलाव 2014 के बाद से NCERT की किताब का चौथा संशोधन है, जो समकालीन राजनीतिक घटनाओं और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के आधार पर किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले को किया अपडेट

पाठ्यपुस्तक में 1994 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी उल्लेख हटाकर इसे 2019 में आए नए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से बदल दिया गया है। 1994 के फैसले में तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की विफलता को लेकर टिप्पणी थी, जबकि नई किताब में इसे अब अधुनातन स्थिति के अनुसार संशोधित किया गया है।

NCERT निदेशक दिनेश सकलानी ने दिया स्पष्टीकरण

जब इस संशोधन को लेकर सवाल उठाए गए तो NCERT के निदेशक दिनेश सकलानी ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि उनकी संस्था किसी भी किताब में भगवाकरण (पाठ्यपुस्तकें किसी एक विचारधारा के अनुरूप बनाने) का प्रयास नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारे विशेषज्ञों ने जो सही समझा, वही सिलेबस में शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस विवाद को सुलझा लिया है, इसलिए हमने ताजा जानकारी के आधार पर किताब प्रकाशित की है।”

गोधरा दंगों जैसे हिंसक घटनाओं के संदर्भ हटाए जाने पर भी सकलानी ने कहा कि अगर छात्र हिंसा या दंगों के विषय में पढ़ना चाहते हैं तो इसके लिए अन्य कई अध्ययन सामग्री उपलब्ध हैं। उनका मानना है कि शिक्षा सामग्री में बार-बार एक ही बात को दोहराने से बचना चाहिए और वर्तमान में प्रासंगिक विषयों पर फोकस करना चाहिए।

शिक्षा में बदलाव की पृष्ठभूमि

NCERT की यह नई पाठ्यपुस्तक राजनीतिक, सामाजिक और ऐतिहासिक विषयों में ताजगी लाने के प्रयास का हिस्सा है। इसका उद्देश्य छात्रों को समकालीन राजनीतिक और सामाजिक घटनाओं के साथ जोड़ना और उन्हें व्यापक दृष्टिकोण से समझाना है।

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