प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जनवरी से मार्च 2025 तक आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। अब इस ऐतिहासिक मेला के आयोजन की तारीखें भी घोषित कर दी गई हैं। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े ने नगर प्रवेश और शाही पेशवाई की तारीखों का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। महाकुंभ में कुल 6 स्नान पर्व होंगे, जिनमें से तीन शाही स्नान होंगे। इन शाही स्नानों में अखाड़ों के साधु-संत शाही अंदाज में गंगा में पवित्र डुबकी लगाएंगे। इसके अलावा पौष पूर्णिमा, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के पर्व भी महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों में शामिल हैं।
महाकुंभ स्नान पर्व की तारीखें
महाकुंभ का शुभारंभ 29 जनवरी 2025 से सिद्धि योग में होगा और यह मेला 8 मार्च तक चलेगा। कुल छह पवित्र स्नान होंगे, जिनमें तीन शाही स्नान प्रमुख होंगे:
- पहला शाही स्नान 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के पर्व पर होगा।
- दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर होगा।
- तीसरा शाही स्नान 3 फरवरी को बसंत पंचमी के पर्व पर संपन्न होगा।
इनके अलावा, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा का स्नान और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व के साथ महाकुंभ का समापन होगा।
नगर प्रवेश और शाही पेशवाई की तारीखें
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े ने नगर प्रवेश और शाही पेशवाई की तारीखें भी घोषित की हैं।
- 12 अक्टूबर 2024 को देशभर से जूना अखाड़े के संत महामंडलेश्वर और नागा संन्यासी प्रयागराज के लिए प्रस्थान करेंगे।
- 16 अक्टूबर को सभी संत सिद्ध हनुमान मंदिर, रामपुर स्थित आश्रम पहुंचेंगे।
- 3 नवंबर को लाव-लश्कर, हाथी-घोड़े और बैंड-बाजे के साथ भव्य नगर प्रवेश होगा।
- 23 नवंबर को कुंभ मेला क्षेत्र में जूना अखाड़े के शिविर में भूमि पूजन और धर्म ध्वजा स्थापित की जाएगी।
- 14 दिसंबर को जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के नेतृत्व में मौजगिरि आश्रम से मेला क्षेत्र शिविर तक शाही अंदाज में भव्य पेशवाई निकाली जाएगी।
महाकुंभ मेले की तैयारी पूरी गति से जारी
महाकुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती संगम में पवित्र स्नान करने आते हैं। इस बार की तैयारियां भी भव्य और भव्यता से भरपूर होंगी। प्रशासन ने मेले की सुरक्षा, व्यवस्थाओं, आवागमन और स्वच्छता के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।