साय कैबिनेट बैठक में हुए अहम फैसले; किसानों के लिए बड़ी राहत मिली

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य के विकास और किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में मुख्य रूप से वित्तीय, कृषि, भूमि प्रबंधन एवं कर सुधार से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

1. विनियोग विधेयक-2024 का अनुमोदन
मंत्रिपरिषद ने प्रथम अनुपूरक अनुमान वर्ष 2024-2025 का विधानसभा में प्रस्तुत करने हेतु छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक-2024 के प्रारूप को मंजूरी दी। इससे राज्य के विकास कार्यों के लिए आवश्यक वित्तीय व्यवस्था सुनिश्चित होगी।

2. किसानों के लिए बड़ा फैसला: कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन
किसानों को उनकी कृषि उपज का उचित और अधिकतम मूल्य दिलाने के लिए छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा। इस संशोधन के तहत अब अन्य राज्यों के मंडी बोर्ड या समिति के पंजीकृत व्यापारी और प्रसंस्करणकर्ता भारत सरकार के राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) के माध्यम से बिना पंजीयन के छत्तीसगढ़ में कृषि उपज की खरीद-बिक्री कर सकेंगे। इससे किसानों और विक्रेताओं को बेहतर मूल्य मिलने की संभावना बढ़ेगी।

3. मंडी फीस में परिवर्तन और कृषक कल्याण निधि का गठन
संशोधन के अनुसार अब मंडी फीस के स्थान पर “मंडी फीस तथा कृषक कल्याण शुल्क” लागू किया जाएगा। मंडी बोर्ड अपनी सकल वार्षिक आय का 10% राशि कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा, जिसका उपयोग किसान कल्याण के लिए किया जाएगा।

4. नगरीय क्षेत्रों में भूमि प्रबंधन से जुड़े फैसले
मंत्रिपरिषद ने नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन तथा भूमि स्वामी को हक प्रदान करने के संबंध में पूर्व में जारी सभी निर्देश और परिपत्रों को निरस्त करते हुए नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया। अब आबंटित भूमि की जानकारी राजस्व विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी तथा किसी भी आपत्ति पर संभागीय आयुक्त सुनवाई करेंगे।

5. माल एवं सेवा कर (GST) में संशोधन
छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप को भी मंजूरी मिली। यह संशोधन केंद्र द्वारा अधिसूचित माल एवं सेवा कर संशोधन अधिनियम, 2024 के अनुरूप है, जिसमें इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर के प्रावधानों में सुधार तथा पान मसाला, गुटखा आदि के विनिर्माण में प्रयुक्त मशीनों के पंजीकरण संबंधी संशोधन शामिल हैं।

6. लोक सेवा आयोग का वार्षिक प्रतिवेदन विधानसभा में प्रस्तुत
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का 22वां वार्षिक प्रतिवेदन (01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक) विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत करने हेतु सामान्य प्रशासन विभाग को आवश्यक कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *