कवर्धा। सूरज की तपिश दिन‑ब‑दिन और खतरनाक होती जा रही है। शनिवार दोपहर क़रीब 1 बजे, शहर के बस स्टैंड क्षेत्र में 28‑वर्षीय युवक रोहित नेताम बेसुध होकर गिर पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों ने तुरंत 108 एम्बुलेंस को सूचना दी, मगर जिला अस्पताल ले जाने के रास्ते ही उसका दम टूट गया। डॉक्टरों ने प्राथमिक जाँच के बाद मौत का कारण हीट स्ट्रोक‑जनित निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) बताया है।
मौत का बढ़ता आँकड़ा
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रोहित की मौत के साथ ही इस सीज़न में प्रदेश‑भर में लू से मरने वालों की संख्या छह हो गई है। बीते पन्द्रह दिनों में रायपुर, बिलासपुर, महासमुंद और दुर्ग से भी हीट स्ट्रोक के मामले सामने आए हैं।
पारा 46 डिग्री के पार
कवर्धा में शनिवार को अधिकतम तापमान 46.2 °से. रेकॉर्ड किया गया—यह सामान्य से 4 डिग्री अधिक है। दोपहर बारह से चार के बीच लू‑जैसी स्थितियाँ बनी रहीं। मौसम विज्ञान केन्द्र रायपुर ने अगले 48 घंटों तक रेड अलर्ट जारी करते हुए “खुली धूप में अनावश्यक आने‑जाने से बचने” की सलाह दी है।
अंतिम घड़ी तक पानी की तलाश
रोहित, जो स्थानीय ट्रांसपोर्ट कंपनी में लोडिंग‑अनलोडिंग का काम करता था, माल गोदाम से बस स्टैंड लौट रहा था। सहकर्मियों के मुताबिक, “वह बार‑बार पानी माँग रहा था, पर आस‑पास की दुकानों में बोतलें समाप्त हो चुकी थीं।” जब तक पीने का पानी मिला, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
प्रशासन व डॉक्टरों की चेतावनी
जिला कलेक्टर रमेश कुमार टोप्पो ने सभी ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों को अस्थायी ‘जल छाया पंडाल’ लगाने के निर्देश दिए हैं। सीएमएचओ डॉ. सरोजिनी देवांगन का कहना है, “तेज़ धूप में 20–25 मिनट भी बिना छाया के रहना शरीर का तापमान 40 °से. से ऊपर पहुँचा देता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।”
बचाव के आसान उपाय
- पानी‑पानी‑पानी — दिन भर में कम से कम 3–4 लीटर तरल लें; ओआरएस घोल साथ रखें।
- दोपहर 12–4 बजे तक सीधे धूप से बचें; हल्के, सूती कपड़े पहनें।
- घर के बुज़ुर्गों‑बच्चों की विशेष देख‑रेख करें; पालतू पशुओं को भी भरपूर पानी दें।
- लक्षण दिखें (चक्कर, सिरदर्द, उलझन) तो तुरंत ठंडी छाँव में लेटाएँ और नज़दीकी स्वास्थ्य‑केंद्र पहुँचाएँ।