गरियाबंद को मिली आवासीय शिक्षा की मजबूती, जनमन योजना से 4 नए छात्रावास स्वीकृत

गरियाबंद, छत्तीसगढ़ —
राज्य के वनांचल क्षेत्रों में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘पीएम जनमन’ के अंतर्गत गरियाबंद जिले को बड़ी सौगात मिली है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अपने गरियाबंद प्रवास के दौरान इस योजना के तहत चार नये छात्रावास भवनों का शिलान्यास किया।

ये छात्रावास धवलपुर, जिडार, जुगाड़ और पीपरछेड़ी में बनाए जाएंगे। इनके निर्माण हेतु कुल 10 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह पहल खास तौर पर उन क्षेत्रों के लिए की गई है, जहां कमार जैसी विशेष पिछड़ी जनजातियां निवास करती हैं और जहां शिक्षा की पहुंच अभी भी चुनौती बनी हुई है।

शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल

इन छात्रावासों का उद्देश्य सिर्फ बच्चों को छत और भोजन देना ही नहीं है, बल्कि उन्हें एक ऐसा शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराना है जिससे वे समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें। प्रत्येक छात्रावास सर्वसुविधायुक्त होगा जिसमें पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष, अध्ययन कक्ष जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि, वनवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पीएम जनमन योजना आदिवासी अंचलों में शिक्षा का उजियारा फैलाने का माध्यम बन रही है।”

भविष्य को नई दिशा

इन छात्रावासों के निर्माण से वनांचल के विद्यार्थियों को न सिर्फ शिक्षा के लिए उपयुक्त वातावरण मिलेगा, बल्कि उनका जीवन स्तर भी सुधरेगा। यह पहल उनके समग्र विकास, आत्मनिर्भरता और बेहतर करियर निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है।

सरकार की यह योजना वनांचल क्षेत्र के बच्चों के लिए शिक्षा और सशक्तिकरण का सेतु बनेगी। उम्मीद की जा रही है कि इस तरह के प्रयासों से विशेष पिछड़ी जनजातियों का सामाजिक और आर्थिक विकास भी तेजी से होगा।

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