सरायपाली: वन विभाग सरायपाली ने अवैध खैर लकड़ी की तस्करी के प्रयास को नाकाम करते हुए दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई मुखबिर की सटीक सूचना के आधार पर की गई, जिसमें एक टाटा 407 वाहन (क्रमांक CG 05 D 0804) से भारी मात्रा में गीली खैर प्रजाति की लकड़ी जब्त की गई।
यह अभियान वन मंडलाधिकारी पंकज राजपूत (महासमुंद) एवं उपवन मंडलाधिकारी अनिल भास्करन (सरायपाली) के निर्देशन में, तथा परिक्षेत्र अधिकारी प्रत्युष टाण्डेय के कुशल मार्गदर्शन में 7 जून की शाम लगभग 6:10 बजे बेलटिकरी से सागरपाली मार्ग के बीच चलाया गया।
वाहन से बरामद हुई खैर लकड़ी, कागजात नहीं पाए गए
जांच के दौरान वाहन में गीली खैर लकड़ी पाई गई, जिसकी वैधता पूछने पर वाहन चालक अगस्ती पिता आनंद (ग्राम कुड़ापाली) एवं सहयोगी रमणी पिता हाडु (ग्राम पधानपाली), जिला बरगड़, उड़ीसा किसी प्रकार का वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि यह लकड़ी ग्राम मल्दामाल से लुहराचट्टी (प्रशांत ढाबा) के पास ले जाई जा रही थी, जिसमें प्रशांत (ग्राम लुहराचट्टी), रोहित प्रधान (ग्राम कठारपाली) और बबलू (ग्राम तबड़ा) की संलिप्तता भी बताई गई है।
वन अधिनियम के तहत जब्ती और कार्रवाई
वन विभाग ने इस मामले में भारतीय वन अधिनियम, 1927 की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए गाड़ी सहित लकड़ी जब्त कर उपवनमंडलाधिकारी सरायपाली को राजसात की कार्रवाई हेतु प्रस्तुत किया। जब्त वनोपज की गणना 201 नग लकड़ी (1.811 घन मीटर) के रूप में की गई है, जिसकी अनुमानित कीमत ₹22,041 है। वहीं टाटा 407 वाहन की कीमत ₹1,70,000 आँकी गई है। कुल जब्ती की अनुमानित कीमत ₹1,92,041 है।
टीम का सराहनीय योगदान
इस कार्रवाई में रविलाल निर्मलकर (सहायक परिक्षेत्र अधिकारी, बलौदा), मुकेश कुमार निषाद (बी.एफ.ओ.), सुनील कुमार जमीदार (बी.एफ.ओ.), ज्वाला प्रसाद पटेल, ललित पटेल, दिनेश प्रधान (बी.एफ.ओ.), तथा वन विभाग सरायपाली के अन्य अधिकारी, कर्मचारी और सुरक्षा श्रमिकों की सक्रिय भूमिका रही।
वन विभाग की इस त्वरित कार्रवाई से स्पष्ट होता है कि अवैध वनोपज परिवहन पर सख्ती से निगरानी रखी जा रही है, और दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं।