महासमुंद, मई 2025 – मछलियों की वंश वृद्धि एवं प्रजनन काल को ध्यान में रखते हुए, जिले में आगामी 16 जून से 15 अगस्त 2024 तक मत्स्याखेट (मछली पकड़ने) पर पूर्णतः प्रतिबंध लागू किया गया है। यह निर्णय विगत वर्षों की भांति मत्स्य संसाधनों के संरक्षण और प्राकृतिक प्रजनन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
सहायक संचालक, मछली पालन विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्षा ऋतु के दौरान मछलियों का प्रजनन काल होता है, ऐसे में उन्हें सुरक्षित और अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के लिए यह निर्णय आवश्यक है।
कहाँ-कहाँ लागू रहेगा प्रतिबंध?
प्रतिबंध उन सभी तालाबों, जलाशयों और जल स्रोतों में लागू रहेगा:
- जिनका सीधा संबंध नदी-नालों से नहीं है
- जलाशयों में केज कल्चर (जालीदार बाड़ों में मत्स्य पालन) को इस प्रतिबंध से अलग रखा गया है
उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई
प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ राज्य मत्स्य क्षेत्र (संशोधित) अधिनियम के नियम-3(5) के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अंतर्गत:
- एक वर्ष तक का कारावास
- अथवा ₹10,000 का जुर्माना
- अथवा दोनों सजा एक साथ दी जा सकती है।
जनहित में अपील
मछली पालन विभाग ने सभी मछुआरों एवं संबंधित नागरिकों से अपील की है कि वे सरकारी निर्देशों का पालन करें और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में सहयोग दें। यह प्रतिबंध मछलियों की आबादी को संतुलित बनाए रखने और भविष्य के मत्स्य उत्पादन को सुदृढ़ करने हेतु बेहद जरूरी है।