बिलासपुर – छत्तीसगढ़ में पारंपरिक बिजली मीटर की जगह अब स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत बिलासपुर जिले के तोरवा क्षेत्र से की गई है, जहां शुक्रवार को तोरवा विद्युत कॉलोनी में एक बिजली कर्मी के घर पहला स्मार्ट मीटर लगाया गया। इस अभियान के तहत प्रदेशभर में लाखों उपभोक्ताओं के पुराने मीटर बदले जाएंगे।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने इस कार्य के लिए जयपुर की जीनस कंपनी को ठेका सौंपा है। रायपुर को छोड़ पूरे राज्य में यही कंपनी स्मार्ट मीटर इंस्टॉल करेगी। तोरवा डिवीजन में फिलहाल लगभग 74 हजार उपभोक्ता हैं, जिनके घरों में लगे पारंपरिक इलेक्ट्रॉनिक मीटर को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
क्या होंगे स्मार्ट मीटर के फायदे
अधिकारियों के अनुसार, स्मार्ट मीटर पूरी तरह डिजिटल तकनीक पर आधारित हैं और इन्हें मोबाइल ऐप से कंट्रोल किया जा सकेगा। इससे मीटर की शिफ्टिंग या छेड़छाड़ जैसी किसी भी गड़बड़ी की संभावना नहीं रहेगी। इसके अलावा उपभोक्ताओं को हर महीने बिल न मिलने की समस्या से भी राहत मिलेगी।
महीने के अंतिम दिन रात 12 बजे तक खपत का डाटा सीधे कंपनी के सर्वर पर पहुंचेगा, जिसके आधार पर उपभोक्ताओं को बिल उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेज दिया जाएगा।
अभी पोस्टपेड, जल्द होगा प्रीपेड सिस्टम
शुरुआत में इन स्मार्ट मीटरों को पोस्टपेड मोड पर रखा गया है ताकि उपभोक्ताओं को नई प्रणाली को समझने में आसानी हो। लेकिन आने वाले दो से तीन महीनों में इन्हें मोबाइल फोन की तरह प्रीपेड मोड में बदला जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को पहले रिचार्ज कर बिजली उपयोग करने की सुविधा मिलेगी।
डिजिटल युग की ओर एक और कदम
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह पहल उपभोक्ताओं को पारदर्शी और त्वरित सेवाएं देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके ज़रिए बिजली चोरी पर भी रोक लगेगी और रीडिंग या बिलिंग की गड़बड़ियों से छुटकारा मिलेगा।