संसद में छत्तीसगढ़ की तीन बेटियों की गूंज

रायपुर: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ चुके हैं। इस बार राज्य की 11 में से 10 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस केवल कोरबा सीट बचा पाई है। इन नतीजों में खास बात यह रही कि राज्य को पहली बार तीन महिला सांसद मिली हैं, जो कि राजनीति में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस—दोनों प्रमुख दलों ने तीन-तीन महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। इनमें से तीन महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की, जो प्रदेश के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। आइए जानते हैं उन महिला सांसदों के बारे में जिन्होंने लोकसभा में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने का गौरव प्राप्त किया है:

1. कोरबा लोकसभा सीट – ज्योत्सना महंत (कांग्रेस)

कोरबा सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला देखने को मिला। यहां से कांग्रेस की मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत ने भाजपा की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय को कड़े मुकाबले में शिकस्त दी। ज्योत्सना महंत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत की पत्नी हैं। यह सीट छत्तीसगढ़ की एकमात्र ऐसी सीट थी जहां दोनों प्रमुख दलों ने महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा था।

2. महासमुंद लोकसभा सीट – रूपकुमारी चौधरी (भाजपा)

महासमुंद सीट से भाजपा की रूपकुमारी चौधरी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को हराया। रूपकुमारी का राजनीतिक अनुभव भी उल्लेखनीय है—वे 2005 से जिला पंचायत सदस्य रही हैं और बसना से विधायक भी रह चुकी हैं। उन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव भी लड़ा था।

3. जांजगीर-चांपा सीट – कमलेश जांगड़े (भाजपा)

जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट से भाजपा की महिला प्रत्याशी कमलेश जांगड़े ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. शिवकुमार डहरिया को हराकर जीत दर्ज की। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, और कमलेश जांगड़े की यह जीत भाजपा के सामाजिक समीकरणों को मजबूत करती है।

राजनीति में बढ़ता महिला प्रतिनिधित्व

इस बार छत्तीसगढ़ से तीन महिला सांसदों का चुना जाना न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि महिलाएं अब राजनीतिक निर्णयों और नेतृत्व में भी मजबूती से कदम रख रही हैं। ऐसे समय में जब महिला सशक्तिकरण को लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है, तब छत्तीसगढ़ का यह उदाहरण प्रेरणास्पद बनकर उभरा है।

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