छत्तीसगढ़ के इस जिले में ई-ऑफिस शुरू, फाइल ट्रैकिंग आसान, निर्णय प्रक्रिया होगी तेज, भ्रष्टाचार पर होगी कड़ी रोक

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सभी विभागों को 31 मार्च 2025 तक ई-ऑफिस प्रणाली का पूर्णतया क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। सुशासन को मजबूत बनाने और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के साथ-साथ प्रशासनिक प्रक्रियाओं को प्रभावी, त्वरित और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दिशा में 1 जनवरी 2025 को विभागीय सचिवों की बैठक में सभी विभागों और कार्यालयों में ई-ऑफिस को लागू करने के आदेश जारी किए गए थे। उन्होंने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग में अधिकांश फाइलें अब ई-ऑफिस के माध्यम से निपटाई जा रही हैं।

सक्ती जिला बना पहला ऐसा जिला जहां ई-ऑफिस पूरी तरह से लागू

16 विभागाध्यक्ष कार्यालयों को ई-ऑफिस से जोड़ा जा चुका है और जिला स्तर पर भी इसे तेजी से लागू करने का काम जारी है। सक्ती जिला प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन चुका है, जहां ई-ऑफिस प्रणाली पूरी तरह से लागू हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों-कर्मचारियों को इस तकनीक के प्रशिक्षण की भी सुविधा देने का आश्वासन दिया है ताकि इसका प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सके।

ई-ऑफिस से क्या होंगे फायदे

  • फाइलों की ट्रैकिंग होगी आसान: डिजिटल माध्यम से फाइलों की स्थिति का वास्तविक समय में पता चल सकेगा।
  • निर्णय लेने की प्रक्रिया होगी तेज: स्वचालन के कारण अनुमोदन में लगने वाला समय कम होगा।
  • भ्रष्टाचार पर कड़ा अंकुश: पारदर्शिता बढ़ने से गैरजरूरी विलंब और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।
  • कार्य प्रणाली में सुधार: कागजी कार्रवाई कम होने से कार्यालयों की कार्यक्षमता बढ़ेगी।
  • लागत में कमी: कागज, मानव संसाधन और परिवहन पर खर्चा घटेगा।
  • डिजिटल दस्तावेजों की सुरक्षा: केंद्रीकृत डेटा प्रबंधन से दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे और डुप्लीकेशन रोका जा सकेगा।

डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा

छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “डिजिटल इंडिया” अभियान के अनुरूप हर स्तर पर डिजिटल गवर्नेंस को सशक्त कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली सुशासन का एक सशक्त उपकरण साबित होगी और इससे जनता को सरकारी सेवाएं तेजी और आसानी से मिलेंगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि फाइलों की डिजिटल स्वीकृति प्रक्रिया को सुनिश्चित कर अनावश्यक विलंब समाप्त किया जाए ताकि प्रशासनिक निर्णय शीघ्र लागू किए जा सकें।

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