रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में किसानों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता है कि खेती को आधुनिक बनाया जाए और किसानों की आमदनी को दोगुना किया जाए। मुख्यमंत्री आज राजधानी रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित ‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी – एग्री कार्नीवाल 2024’ के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे।
धान किसानों को मिला वादा निभाने का तोहफा
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में बताया कि सरकार बनते ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस पर 13 लाख किसानों को 3716 करोड़ रुपये का बोनस दिया गया। किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी और 21 क्विंटल प्रति एकड़ का उपार्जन सुनिश्चित किया गया। पिछले वर्ष 145 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की गई। अब तक विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों के खातों में लगभग 49 हजार करोड़ रुपये अंतरित किए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि धान खरीदी 14 नवंबर 2024 से प्रारंभ होगी और इस बार भी रिकॉर्ड खरीदी की उम्मीद है।
कृषि में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि को केवल परंपरा नहीं, बल्कि नवाचार और तकनीक से जोड़ने का समय आ गया है। इसलिए युवा पीढ़ी को खेती-किसानी से जोड़ने के लिए इस तरह के कृषि मेले एवं उन्नत तकनीकों की प्रदर्शनी का आयोजन जरूरी है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, प्रदेश में आधुनिक कृषि तकनीकों के प्रसार में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
फसल चक्र, उद्यानिकी और मत्स्य पालन से आमदनी में वृद्धि
कार्यक्रम में कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि किसानों को फसल चक्र परिवर्तन, पैकेजिंग, और मार्केटिंग की दिशा में आगे बढ़ना होगा। वहीं सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री स्वयं किसान हैं, इसलिए छत्तीसगढ़ की कृषि नीति जमीनी जरूरतों पर आधारित है। उन्होंने किसानों को उद्यानिकी फसलों, पशुपालन और मत्स्य पालन को अपनाकर आय बढ़ाने की सलाह दी।
सम्मान, नवाचार और रोजगार के अवसर
कार्यक्रम में मसूर की नई किस्म के मिनी किट, चयनित छात्रों को ऑफर लेटर, कृषि स्टार्टअप को अनुदान राशि, और ‘अग्रसर’ पुस्तक का विमोचन भी किया गया। लगभग 4000 किसान और 1000 विद्यार्थी प्रक्षेत्र भ्रमण एवं तकनीकी जानकारी के लिए शामिल हुए।
कृषि नवाचार पर कार्यशालाएं और संगोष्ठी
23 अक्टूबर को एग्री कार्नीवाल के तहत ‘छत्तीसगढ़ से कृषि उत्पादों के निर्यात’ पर संगोष्ठी और ‘आधुनिक पादप प्रजनन तकनीक एवं डाटा एनालिसिस’ पर कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें 211 वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों जैसे IRRI मनीला, घाना और ईस्ट अफ्रीका के प्रतिनिधियों ने नवीनतम कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया।
मुख्यमंत्री साय का यह संदेश स्पष्ट है – जब तक किसान समृद्ध नहीं होंगे, तब तक भारत विकसित नहीं हो सकता। और छत्तीसगढ़ सरकार, इस दिशा में ठोस और सार्थक कदम उठा रही है।