किसानों और ग्रामीणों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की नई डिजिटल पहल – दो मोबाइल ऐप्स

छत्तीसगढ़ के किसान और ग्रामीण अब दो नए मोबाइल ऐप्स के जरिए अपनी सुरक्षा और खेती-किसानी को और अधिक सुगम बना सकते हैं। मेघदूत ऐप से वे मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, जबकि दामिनी ऐप आकाशीय बिजली के कहर से सुरक्षा प्रदान करेगा।

मानसून के आगमन के साथ छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी का मौसम शुरू हो जाता है, ऐसे में मौसम की सही जानकारी किसानों के लिए बेहद आवश्यक होती है। मेघदूत ऐप के माध्यम से किसान तापमान, वर्षा, हवा की दिशा और गति जैसी विस्तृत मौसम पूर्वानुमान की जानकारी पा सकते हैं। यह ऐप भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है और गूगल प्ले स्टोर से किसी भी एंड्रॉइड मोबाइल पर आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।

दूसरी ओर, मानसून के दौरान आकाशीय बिजली के खतरे भी बढ़ जाते हैं, जिससे जनहानि और पशुहानि की घटनाएं बढ़ जाती हैं। इस समस्या को देखते हुए दामिनी ऐप लॉन्च किया गया है, जो 20 से 31 किलोमीटर के दायरे में आकाशीय बिजली का पूर्वानुमान देता है। इस ऐप की मदद से ग्रामीण क्षेत्र के लोग समय रहते सतर्क हो सकते हैं और अपने तथा अपने पशुओं की सुरक्षा कर सकते हैं।

छत्तीसगढ़ सरकार का सक्रिय प्रचार-प्रसार

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश पर छत्तीसगढ़ के सभी कलेक्टर और संबंधित विभागों के कर्मचारी गांव-गांव जाकर इन दोनों ऐप्स का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। साथ ही गांवों में मुनादी कर ग्रामीणों को इन ऐप्स के उपयोग के बारे में जागरूक किया जा रहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान और ग्रामीण इसका लाभ उठा सकें।

आकाशीय बिजली कैसे बनती है?

आकाशीय बिजली तब बनती है जब गर्म हवा और ठंडी हवा बादलों में मिलती है, जिससे बादलों के अंदर धनावेश (पॉजिटिव चार्ज) और ऋणावेश (निगेटिव चार्ज) बनते हैं। इन विपरीत चार्जों के बीच होने वाली विद्युत क्रिया से आकाशीय बिजली उत्पन्न होती है। जब यह बिजली धरती से संपर्क करती है, तो वह अक्सर धातु, पेड़ या बिजली के खंभों से होकर गुजरती है। इसलिए बरसात के दिनों में बिजली के खंभों, पेड़ों और धातु के निकट रहने से बचना चाहिए। साथ ही आकाशीय बिजली के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग भी सीमित करना चाहिए।

किसानों के लिए संदेश

किसानों से अपील है कि वे मौसम की सटीक जानकारी के लिए मेघदूत ऐप और आकाशीय बिजली से सुरक्षा के लिए दामिनी ऐप का नियमित उपयोग करें। इससे न केवल उनकी फसल और पशु सुरक्षित रहेंगे, बल्कि उनकी जान-माल का भी संरक्षण होगा। इस डिजिटल युग में ये ऐप किसान और ग्रामीणों के लिए सच्चे साथी साबित होंगे।

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