महासमुंद। जिला महासमुंद के निर्देशन में आदिवासी युवा प्रभाग की ब्लॉक इकाई का गठन कर आज भंवरपुर के आदिवासी भवन में बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले के विभिन्न आदिवासी समाज के युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए और उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर संकल्प लिया।
जिला सचिव मनोज सिदार के नेतृत्व में बैठक में नए पदाधिकारियों का चुनाव किया गया। अध्यक्ष पद पर देव ठाकुर, उपाध्यक्ष के रूप में दिव्या नागेश और केदारनाथ दीवान (कंवर), सचिव राजेन्द्र सिदार (पोर्ते), कोषाध्यक्ष टिकेश्वर मरकाम, महासचिव संजय जगत व सुमंत जगत, संरक्षक नीलमणि सिदार, मीडिया प्रभारी किशन जगत और केशव सिदार चुने गए। साथ ही अन्य सदस्यों में लवकुमार पोर्ते, चंद्रिका सिदार, कन्हैया लाल जगत और धर्मेंद्र जगत मौजूद रहे।
बैठक के अंत में सभी पदाधिकारियों और सदस्यों का सम्मान पौधे वितरित कर किया गया, जो पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक भी था। सभी ने मिलकर प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और हरा-भरा रखने का संकल्प लिया।
आदिवासी युवा समाजसेवी मनोज सिदार ने कहा कि आदिवासी संस्कृति प्रकृति के संरक्षण की मिसाल है। उनका मूल मंत्र ‘जल, जंगल और जमीन’ है, जो न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि मानवता के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने हसदेव जंगल में हो रही कटाई की निंदा की और कहा कि इससे स्थानीय आदिवासी समुदाय के जीवन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
इस बैठक ने एक बार फिर यह साबित किया कि आदिवासी युवा पर्यावरण की रक्षा के प्रति सजग और प्रतिबद्ध हैं, और वे अपनी सांस्कृतिक विरासत के साथ प्रकृति के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं।