सरगुजा। जिले के लखनपुर थाना अंतर्गत एक बेहद दुखद घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। दर्रीपारा गांव में मात्र 10 साल के एक मासूम बच्चे ने अपने छोटे भाई से कुरकुरे को लेकर हुए मामूली विवाद के बाद पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह घटना न सिर्फ परिवार के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों के मन में पल रहे डर और भावनाओं को समझना कितना जरूरी है।
मृतक बालक रोहित सिंह का अपने छोटे भाई से शनिवार को कुरकुरे खाने को लेकर झगड़ा हुआ था। जानकारी के अनुसार दोनों भाइयों ने कुरकुरे के पैकेट लिए थे, लेकिन रोहित ने गुस्से में आकर छोटे भाई को न केवल कुरकुरे नहीं दिए, बल्कि उसे थप्पड़ भी मार दिया। इससे छोटा भाई रोने लगा।
इसी दौरान रोहित को यह डर सताने लगा कि अब उसके माता-पिता उसे डांटेंगे या सजा देंगे। इसी डर और घबराहट में रोहित ने घर से थोड़ी दूर जाकर रतनजोत के पेड़ से फांसी लगा ली। जब तक परिजन कुछ समझ पाते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
परिवार में पसरा मातम, ग्रामीणों में भी शोक
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद पूरे गांव में शोक का माहौल है। परिजन अभी भी यह यकीन नहीं कर पा रहे कि एक छोटा सा डर उनके बेटे की जान ले सकता है। ग्रामीणों ने भी दुख व्यक्त करते हुए बच्चों की मानसिक स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता जताई है।
बच्चों की भावनाएं समझना है जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चे छोटी-छोटी बातों को दिल पर ले लेते हैं, और अगर उन्हें समय रहते भावनात्मक सहारा न मिले तो ऐसी दुखद घटनाएं घट सकती हैं। माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों से खुलकर बात करनी चाहिए और उन्हें विश्वास दिलाना चाहिए कि गलती करने पर भी प्यार और समझदारी से काम लिया जाएगा।