रायपुर। नगर निगम रायपुर के 70 वार्डों के नए परिसीमन का प्रकाशन आखिरकार आज कर दिया गया, जो तय तिथि 15 जुलाई से 10 दिन विलंब से हुआ। इस नए परिसीमन में वार्डों की संख्या और नामों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन कई वार्डों की सीमाओं में फेरबदल कर जनसंख्या संतुलन को ध्यान में रखा गया है। खासतौर पर रायपुर ग्रामीण क्षेत्र की जनसंख्या पर फोकस करते हुए सीमाएं बदली गई हैं।
हालांकि परिसीमन के प्रकाशन के साथ ही सियासत गरमा गई है। महापौर एजाज ढेबर ने नए परिसीमन को लेकर कड़ा एतराज़ जताया है और इसे “राजनीति से प्रेरित” करार दिया है। वहीं नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए इसे “अनावश्यक बदलाव” बताया है।
महापौर का आरोप: “राजनीतिक द्वेष के तहत किया गया परिसीमन”
महापौर ढेबर ने आरोप लगाया कि इस नए परिसीमन में कांग्रेस के कई पार्षदों के वार्ड ही खत्म कर दिए गए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि MIC सदस्य आकाश तिवारी का वार्ड पूरी तरह विलोपित कर दिया गया है। विलोपित वार्ड क्रमांक 35 (पं. रविशंकर शुक्ला) का नाम अब वार्ड 51 को दिया गया है।
ढेबर ने यह भी कहा कि दो नए वार्डों का भी निर्माण किया गया है:
- पहला: मोवा, सड्डू और आमासिवनी क्षेत्रों को मिलाकर
- दूसरा: वीआईपी रोड क्षेत्र, जिसमें करेंसी टावर, गौरव गार्डन, सिल्वर स्प्रिंग, छोकरा नाला और ऐश्वर्या एंपायर शामिल हैं।
महापौर ने यह भी चेतावनी दी कि अगर परिसीमन में हुई “गड़बड़ियों” को सुधारा नहीं गया, तो वे कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे। इस संबंध में शुक्रवार को कांग्रेस पार्षद दल की बैठक भी बुलाई गई है, जिसमें कांग्रेस शहर जिला अध्यक्ष भी उपस्थित रहेंगे।
विपक्ष की प्रतिक्रिया: “सीमाओं में बदलाव गैरज़रूरी”
दूसरी ओर, भाजपा पार्षद दल की नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने भी परिसीमन पर नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा कि कई वार्डों की सीमाएं बिना किसी स्पष्ट कारण के बदली गई हैं, जो पूरी प्रक्रिया को संदिग्ध बनाता है। भाजपा पार्षदों की बैठक भी शुक्रवार को संभावित है, जिसमें इस विषय पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
दावा-आपत्ति के लिए 7 दिन का समय
निगम प्रशासन ने परिसीमन को लेकर जनता और पार्षदों को दावा-आपत्ति दर्ज कराने के लिए 7 दिनों का समय दिया है। इस दौरान कोई भी नागरिक या जनप्रतिनिधि अपने सुझाव या आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है।