नई दिल्ली। भारत में जून महीने में सामान्य से 11 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले पांच सालों में जून के महीने की सबसे कम वर्षा मानी जा रही है। यह जानकारी सोमवार को भारत मौसम विभाग (IMD) ने जारी किए ताजा आंकड़ों में दी। IMD के अनुसार, जून 2024 में देश भर में औसतन 147.2 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य बारिश 165.3 मिमी होती है। यह वर्ष 2001 के बाद से जून का सातवां सबसे कम बारिश वाला महीना रहा है।
देश में चार महीनों तक चलने वाले मानसून के दौरान कुल औसतन 87 सेमी वर्षा होती है, जिसमें जून की बारिश का हिस्सा लगभग 15 प्रतिशत होता है। इस बार मानसून की शुरुआत केरल और पूर्वोत्तर में तो सामान्य समय पर हुई, लेकिन बाद में मानसून की गति धीमी पड़ गई।
IMD प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि 11 जून से 27 जून के बीच पूरे देश में 16 दिन सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई, जिससे कुल बारिश में कमी आई। खासकर उत्तर-पश्चिम भारत में 33 प्रतिशत, मध्य भारत में 14 प्रतिशत और पूर्वी-पूर्वोत्तर भारत में 13 प्रतिशत की कमी देखी गई है। केवल दक्षिण भारत में 14 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश दर्ज हुई है।
मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली में 28 जून को हुई भारी बारिश ‘बादल फटने’ के कारण नहीं थी, बल्कि यह एक घंटे की तेज बारिश का नतीजा थी, जिसमें लगभग 91 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
इस बार मानसून की कमी के कारण कई राज्यों में पानी की कमी और गर्मी के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता जताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की ये अनियमितता कृषि और जल संसाधनों पर प्रभाव डाल सकती है, इसलिए सावधानी और बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता है।