बागबाहरा, 26 जून 2024: स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय, बागबाहरा में नवीन शिक्षा सत्र 2024-25 के प्रथम दिवस पर शाला प्रवेशोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ शासन एवं सरस्वती शिक्षा संस्थान के निर्देशानुसार सभी विद्यालयों में 26 जून से नया शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो चुका है।
विद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ भैया-बहिनों (छात्र-छात्राओं) का स्वागत किया गया। चरण प्रक्षालन, आरती, तिलक, अक्षत एवं पुष्प अर्पण के साथ विद्यार्थियों का अभिनंदन कर उन्हें शिक्षा के इस नवीन यात्रा में आत्मीय भाव से प्रवेश दिलाया गया।
कार्यक्रम की गरिमामयी उपस्थिति
शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ भारत माता, ओम, एवं माँ सरस्वती के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती मीना बेहरा, अध्यक्ष श्रीमती सरिता नायक, एवं विशेष अतिथि श्रीमती सरस्वती साहू, नम्रता साहू, तथा कृतिका साहू की गरिमामयी उपस्थिति रही।
विद्यालय की बहिन साधना देवांगन द्वारा अतिथियों का तिलक एवं श्रीफल भेंट कर स्वागत किया गया। इस अवसर पर विद्यालय में उपस्थित माताओं एवं अभिभावकों का भी अभिनंदन कर उन्हें विद्यालयीन गतिविधियों से अवगत कराया गया।
संस्कार आधारित शिक्षा की सराहना
अध्यक्षीय उद्बोधन में श्रीमती सरिता नायक ने सरस्वती शिशु मंदिर में impart किए जा रहे संस्कारमूलक शिक्षण की सराहना करते हुए अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक बच्चों का प्रवेश इस विद्यालय में करवाएं एवं अपने आस-पड़ोस में भी प्रचार-प्रसार करें।
प्राचार्य का स्वागत एवं दिशा निर्देश
नवपदस्थ प्राचार्य श्री नंदूराम निर्मलकर का स्वागत वरिष्ठ आचार्य चंद्रशेखर साहू द्वारा तिलक-वंदन कर किया गया। अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में प्राचार्य श्री निर्मलकर ने कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार आज की आवश्यकता है। उन्होंने सरस्वती शिक्षा संस्थान के पाँच आयाम एवं पाँच आधारभूत विषयों की जानकारी देते हुए कहा कि इन विषयों को विद्यार्थियों के माध्यम से घर, समाज और परिवार तक पहुँचाना हमारी जिम्मेदारी है।
उन्होंने यह भी कहा कि मोबाइल और टीवी जैसी व्यस्तताओं से बच्चों को दूर रखकर उन्हें आदर्श नागरिक के रूप में गढ़ना आज के समय की महती आवश्यकता है।
कार्यक्रम संचालन एवं समापन
कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री अनिमेष शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त आचार्य बंधु/भगिनियाँ, छात्र-छात्राएँ एवं अभिभावकगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के समापन पर सभी विद्यार्थियों को प्रसाद वितरण कर उनका मुंह मीठा कराया गया, जिससे समारोह का समापन उल्लासपूर्ण वातावरण में हुआ।