बस्तर। बोधघाट थाना क्षेत्र में एक ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें खुद को एसआई और डीसीपी बताकर ठगों ने एक सरकारी अधिकारी से लाखों रुपये की ठगी कर ली। यह मामला एम.आई.एस. प्रशासक और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के प्रदीप कुमार राजपूत द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर आधारित है।
ऑनलाइन ठगी का तरीका
प्रदीप कुमार राजपूत ने अपनी शिकायत में बताया कि 13 मई 2024 को उनके फोन पर एक कम्प्यूटराइज्ड कॉल आया, जिसमें कहा गया कि उनका सिम कार्ड बंद होने वाला है और इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए एक नंबर दबाने को कहा गया। जब प्रदीप ने नंबर दबाया, तो कंज्यूमर कंप्लेंट डिपार्टमेंट से एक रनवीर शर्मा नामक व्यक्ति से बात हुई। शर्मा ने बताया कि उनके नाम पर एक सिम कार्ड उत्तर प्रदेश में लिया गया है, जिसमें उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया है।
फर्जी एसआई और डीसीपी की बातचीत
इसके बाद, प्रदीप को एक फर्जी एसआई सुनील कुमार मिश्रा से बात करवाई गई, जिसने कहा कि उनके नाम से कई बैंक खातों में अवैध लेन-देन हो रहा है और यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग और नशीले पदार्थों की तस्करी से जुड़ा है। सुनील कुमार मिश्रा ने प्रदीप को यह विश्वास दिलाया कि उनके नाम से 3-4 बैंक अकाउंट खोले गए हैं, जिनमें करोड़ों रुपये का लेन-देन हुआ है। इसके बाद आरोपी ने प्रदीप से कहा कि उन्हें अपना पैसा आरबीआई के वॉलेट में ट्रांसफर करना होगा, ताकि उसकी जांच की जा सके और फिर उसे रिफंड किया जा सके।
ठगी में प्रदीप ने किया 2.5 लाख रुपये का ट्रांसफर
आरोपी ने प्रदीप को डराकर और उसे झूठे दस्तावेज भेजकर यह विश्वास दिलवाया कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ है और सीबीआई और ईडी इसकी जांच कर रहे हैं। इसके बाद, प्रदीप ने अपने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते से कुल 2,46,440 रुपये पांच बार अलग-अलग ट्रांसफर किए। आरोपी ने प्रदीप को कहा कि इस बारे में किसी को बताने से बचें, क्योंकि यह पूरी जांच गुप्त रूप से हो रही है।
शिकायत और पुलिस कार्रवाई
प्रदीप ने 14 मई 2024 को बस्तर के साइबर सेल में जाकर इस ऑनलाइन ठगी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इस मामले में आरोपी मोबाइल नंबर धारकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और 66D-एलसीजी के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और जल्द ही आरोपी को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
साइबर ठगी से बचाव के उपाय
यह मामला यह स्पष्ट करता है कि साइबर ठग किस तरह से लोगों को ठगी का शिकार बना सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी ऐसे कॉल या मैसेज से सतर्क रहना चाहिए जिसमें बैंकिंग, आधार या किसी अन्य व्यक्तिगत जानकारी की मांग की जाए। किसी भी अज्ञात कॉल या लिंक पर विश्वास न करें और तुरंत संबंधित पुलिस अधिकारियों या साइबर सेल से संपर्क करें।
इस घटना ने यह भी साबित कर दिया है कि साइबर ठग अब उच्च अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों को भी निशाना बना रहे हैं, इसलिए हमें अपने निजी जानकारी की सुरक्षा को लेकर और अधिक सतर्क रहना चाहिए।