बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की धरती ने एक और बार गर्व का अनुभव किया है। शहर की बेटी निशु सिंह ने साहस, संघर्ष और संकल्प की मिसाल कायम करते हुए दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया है। अपनी इस ऐतिहासिक उपलब्धि से उन्होंने न केवल बिलासपुर, बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन कर दिया है।
निशु की यह चढ़ाई आसान नहीं थी। आक्सीजन की कमी, कड़ाके की ठंड, तेज तूफान और घोर बर्फबारी जैसी कई विषम परिस्थितियों ने उनकी राह को बार-बार कठिन बनाया। लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति, साहस, और सपनों को साकार करने का जुनून उन्हें पीछे हटने से रोकता रहा।
बेस कैंप से शुरू हुई चुनौतीपूर्ण यात्रा में हर कदम पर नई कठिनाइयां थीं। ऊंचाई बढ़ने के साथ आक्सीजन की कमी ने उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से थकाया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। तेज हवाओं और बर्फीले तूफानों के बीच भी निशु ने अपने लक्ष्य को नहीं छोड़ा और अंततः एवरेस्ट की चोटी पर भारतीय तिरंगे को फहराकर इतिहास रच दिया।
उनकी इस उपलब्धि पर बिलासपुर में जश्न का माहौल है। परिवार, मित्र और शहरवासी गौरव से झूम उठे हैं। उनके परिजनों ने कहा,
“निशु ने यह साबित कर दिया है कि मजबूत इरादे और मेहनत से कोई भी सपना असंभव नहीं होता। वह हम सब की प्रेरणा बन गई है।”
निशु ने अपनी यात्रा के अनुभव साझा करते हुए कहा,
“माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करना मेरा सपना था। यह सफर बेहद कठिन था, लेकिन मेरे माता-पिता, प्रशिक्षकों और पूरे परिवार के सहयोग ने मुझे हिम्मत दी। जब मैंने तिरंगा फहराया, तो गर्व और खुशी से आंखें भर आईं।”
शहरवासियों और प्रशासन ने निशु की इस असाधारण उपलब्धि की सराहना की है और उन्हें सम्मानित करने की घोषणा भी की गई है।
निशु सिंह की यह सफलता आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो यह संदेश देती है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी चोटी बहुत ऊंची नहीं होती।