मैनपुर स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों की हेराफेरी, BMO समेत कई गिरफ्तार

मैनपुर स्वास्थ्य केंद्र में करोड़ों का घोटाला: एक आरोपी गिरफ्तार, अन्य पर कसेगा शिकंजा

गरियाबंद। मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुए 3 करोड़ 13 लाख रुपए से अधिक के गबन के मामले ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हाईप्रोफाइल आर्थिक अनियमितता में शामिल पूर्व लिपिक वीरेंद्र भंडारी को मैनपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।

इस मामले में कुल 11 अधिकारी-कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से कुछ ने अग्रिम जमानत की याचिका भी लगाई है। मंगलवार को हुई सुनवाई में एक आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया, जबकि अन्य दो की याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई प्रस्तावित है।

कैसे हुआ खुलासा

जिला प्रशासन को स्वास्थ्य केंद्र में वित्तीय गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद पूरे प्रकरण की गहन जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में यह सामने आया कि वेतन और अन्य वित्तीय लाभों के नाम पर जिला कोषालय से मिलीभगत कर भारी-भरकम राशि का गबन किया गया।

जांच प्रतिवेदन के आधार पर मैनपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 409, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई।

कार्रवाई की रफ्तार तेज

जैसे ही मामला प्रकाश में आया, मैनपुर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी। आरोपी कर्मचारियों की सूची तैयार कर गिरफ्तारी की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। एक के बाद एक सामने आ रहे तथ्य विभागीय लापरवाही और भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं।

विभाग में मचा हड़कंप

प्रकरण के सामने आने के बाद से ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। जिम्मेदार अधिकारी एक ओर जहां खुद को बचाने की जुगत में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर पुलिस हर पहलू की गंभीरता से जांच कर रही है।

आगे क्या

मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है। जिला प्रशासन और पुलिस दोनों ही मामले की बारीकी से जांच में जुटे हैं। वहीं, आम जनता इस बात से चिंतित है कि आखिर करोड़ों रुपये के इस गबन की भनक इतनी देर से क्यों लगी।

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