बसना वन परिक्षेत्र में इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य सफलतापूर्वक पूरा हुआ है। कुल 9 वन समितियों में 10663 संग्राहक परिवारों के सहयोग से 10600 मानक बोरी तेंदूपत्ता के लक्ष्य में से लगभग 82.05 प्रतिशत, यानी 8697.915 मानक बोरी का संग्रहण किया गया।
प्रत्येक मानक बोरी में लगभग 1000 मानक गड्डी होती हैं, जिनमें प्रत्येक गड्डी में 50 तेंदूपत्ते होते हैं। एक मानक बोरी का मूल्य 5500 रुपये है। सबसे अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण बड़े साजापाली समिति में 1570.450 मानक बोरी हुआ, जबकि सबसे कम चंदखुरी समिति में 508.230 मानक बोरी तेंदूपत्ता का संग्रहण दर्ज किया गया।
तेंदूपत्ता ग्रामीण एवं वनवासियों के लिए आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण स्रोत है। इससे मिलने वाली आय से वे अपने परिवार की आवश्यकताएं पूरी करते हैं। इस बार राज्य सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण के पारिश्रमिक को बढ़ाकर 4000 रुपये से 5500 रुपये प्रति मानक बोरी कर दिया गया, जिससे ग्रामीणों में उत्साह बढ़ा।
वन परिक्षेत्र अधिकारी सुखराम निराला के अनुसार, 28 मई 2024 तक कुल 9 समितियों जेवरा, मेदनीपुर, गढ़फुलझर, बसना, भंवरपुर, चंदखुरी, बिछिया, बड़े साजापाली और चनाट के 96 फड़ क्षेत्रों में तेंदूपत्ता संग्रहण कार्य संपन्न हुआ।
इस वर्ष मौसम की अनुकूलता न होने के कारण लक्ष्य से कुछ कम संग्रहण हुआ। कुल 4 करोड़ 78 लाख 38 हजार 532 रुपये की राशि के तेंदूपत्ते खरीदे गए। सबसे अधिक संग्रहण बड़े साजापाली समिति में 86 लाख 37 हजार 475 रुपये का हुआ, जबकि सबसे कम चंदखुरी समिति में 27 लाख 95 हजार 265 रुपये का तेंदूपत्ता संग्रहण हुआ।
अन्य समितियों का संग्रहण इस प्रकार रहा:
- जेवरा: 522.860 मानक बोरी, 28 लाख 75 हजार 730 रुपये
- मेदनीपुर: 696.500 मानक बोरी, 38 लाख 30 हजार 750 रुपये
- गढ़फुलझर: 655.050 मानक बोरी, 36 लाख 2 हजार 775 रुपये
- बसना: 1199.850 मानक बोरी, 65 लाख 99 हजार 175 रुपये
- भंवरपुर: 1143.550 मानक बोरी, 62 लाख 89 हजार 525 रुपये
- बिछिया: 892.500 मानक बोरी, 49 लाख 8 हजार 759 रुपये
- चनाट: 1508.925 मानक बोरी, 82 लाख 99 हजार 87 रुपये